सेब के पौधों को कब और कितनी खाद दें? पूरी जानकारी यहाँ!

सेब के पौधों में खाद डालने की प्रक्रिया

सेब के पौधों की बेहतर वृद्धि और उच्च गुणवत्ता वाले फलों के उत्पादन के लिए सही मात्रा और समय पर खाद देना आवश्यक है। सही पोषक तत्व देने से पेड़ों की जड़ें मजबूत होती हैं, फलन क्षमता बढ़ती है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी विकसित होती है।

आवश्यक पोषक तत्व और उनकी भूमिका

सेब के पौधों को कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो मुख्य रूप से निम्नलिखित हैं:

मैक्रो न्यूट्रिएंट्स (मुख्य पोषक तत्व)

  1. नाइट्रोजन (N): पत्तियों और शाखाओं की वृद्धि के लिए आवश्यक। यह पौधों में हरित पदार्थ (क्लोरोफिल) के निर्माण में मदद करता है। अधिक मात्रा में देने से पत्तियाँ तो बढ़ सकती हैं, लेकिन फलों की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
  2. फॉस्फोरस (P): यह पौधों की जड़ों के विकास, फूल और फल बनने की प्रक्रिया में मदद करता है। फॉस्फोरस की कमी से पौधे कमजोर हो सकते हैं और फलन कम हो सकता है।
  3. पोटैशियम (K): यह पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, फल के स्वाद को सुधारता है और जल संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

सूक्ष्म पोषक तत्व

  1. कैल्शियम (Ca): फल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक। यह फलों को फटने से बचाता है और उनकी भंडारण क्षमता बढ़ाता है।
  2. मैग्नीशियम (Mg): पौधों में क्लोरोफिल निर्माण में मदद करता है, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सही तरीके से होती है।
  3. बोरॉन (B): यह फूल बनने और फलन में मदद करता है। बोरॉन की कमी से फूल और फल गिरने की समस्या हो सकती है।
  4. जिंक (Zn): यह पत्तियों और फलों के सही विकास में सहायक होता है। जिंक की कमी से पत्तियाँ छोटी और पीली हो सकती हैं।
  5. आयरन (Fe): यह पौधों के हरेपन को बनाए रखता है और स्वस्थ वृद्धि के लिए आवश्यक होता है।

Compost.

खाद डालने का सही समय

शरद ऋतु (नवंबर-दिसंबर)

  • इस समय जैविक खाद (गोबर की खाद, कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट) डालनी चाहिए।
  • प्रति वृक्ष 20-30 किलोग्राम अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद देना उपयुक्त होता है।
  • पोटाश और फॉस्फोरस की आपूर्ति करने के लिए बोनमील या फास्फेट खाद का प्रयोग किया जा सकता है।
  • यह समय मिट्टी की उर्वरता को सुधारने के लिए सबसे अच्छा होता है।

बसंत ऋतु (मार्च-अप्रैल)

  • इस समय पौधों की वृद्धि तेज़ी से होती है, इसलिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरक (जैसे यूरिया) का प्रयोग करें।
  • प्रति वृक्ष 500-700 ग्राम यूरिया देने से पत्तियों और शाखाओं की अच्छी वृद्धि होती है।
  • सिंचाई के साथ यूरिया देने से पौधों को इसका अधिकतम लाभ मिलता है।

फूल और फल बनने की अवस्था (मई-जून)

  • इस समय पोटैशियम और बोरॉन युक्त उर्वरक आवश्यक होते हैं।
  • प्रति वृक्ष 250-400 ग्राम पोटाश देना चाहिए।
  • बोरॉन स्प्रे (0.5%) करने से फूल और फलों की गुणवत्ता बढ़ती है और उनकी गिरने की संभावना कम होती है।

फल पकने की अवस्था (अगस्त-सितंबर)

  • इस समय कैल्शियम युक्त उर्वरकों का छिड़काव करना चाहिए ताकि फल गिरने की समस्या न हो।
  • 0.3-0.5% कैल्शियम नाइट्रेट का छिड़काव करना लाभकारी रहता है।
  • यह प्रक्रिया फलों की भंडारण क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होती है।

खाद डालने का सही तरीका

  1. खाद को पेड़ की जड़ों के पास गोलाई में डालें लेकिन तने से थोड़ी दूरी बनाए रखें।
  2. सिंचाई के साथ उर्वरकों का प्रयोग करने से पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
  3. फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव) भी एक प्रभावी तरीका है, जिससे पौधों को तुरंत पोषक तत्व मिलते हैं।
  4. जैविक खादों का प्रयोग मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
पोषक तत्वों की आवश्यकता
पोषक तत्वों की आवश्यकता

जैविक बनाम रासायनिक खाद

  • जैविक खाद: यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित होता है और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में सहायक होता है। जैसे- गोबर की खाद, कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट।
  • रासायनिक खाद: यह तेज़ परिणाम देता है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में उपयोग करना ज़रूरी होता है ताकि मिट्टी की उर्वरता नष्ट न हो। जैसे- यूरिया, सुपरफॉस्फेट, पोटाश।
  • दोनों प्रकार के खादों का संतुलित उपयोग करने से पौधों को अधिकतम लाभ मिलता है।

निष्कर्ष

सेब के पौधों के लिए सही समय और संतुलित मात्रा में खाद डालना उनकी वृद्धि, उत्पादन और गुणवत्ता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जैविक और रासायनिक उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने से पौधों की सेहत बनी रहती है और अधिक उत्पादन मिलता है। सही मात्रा और विधि से खाद डालने से पौधों को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे वे अधिक स्वस्थ और उत्पादक बनते हैं।

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