Stem borer की सुंडियां सेब , चेरी , आड़ू , पल्म , बादाम इत्यादि के तने तथा शाखाओं में छेद करके बुरादा बहार निकलती है । किसी पौधे में एक से अधिक छेद भी होते है । इस बोरर द्वारा निकला गया बुरादा गोल आका का एवं भूरे रंग के छोटे छोटे दानो की तरह का होता है । ये बुरादा आपको पौधे के तने के साथ ही मिटटी में पड़ा मिलेगा । Stem borer की सुंडियां तने या शाखा के बिच में लम्बी सुरंगे बना कर कहती रहती है ।

इसके प्रभाव से पौधे में रस प्रवाह रुक जाता है और पौधे सूखने शुरू हो जाते है । प्रभावित भाग मतलब जिस स्थान पर Stem borar द्वारा छेद बनाया जाता है वहां कई प्रकार के रोग जैसे केंकर इत्यादि लग जाते है ।
स्टेम बोरर (Stem Borer) की जानकारी और नियंत्रण
स्टेम बोरर क्या है?
स्टेम बोरर (तना छेदक कीट) एक हानिकारक कीट है, जो फसलों के तनों में छेद करके अंदर से पौधे को कमजोर कर देता है। यह खासतौर पर धान, गन्ना, मकई, गेहूं, ज्वार और बाजरा जैसी फसलों पर हमला करता है।
स्टेम बोरर की पहचान
✅ लार्वा (सूंडी) – हल्के पीले रंग की होती है और तने के अंदर छेद करके खाती है।
✅ अंडे – पत्तियों के निचले हिस्से पर गुच्छों में होते हैं।
✅ वयस्क (Adult) – हल्के भूरे या पीले रंग के पतंगे होते हैं, जो रात में सक्रिय रहते हैं।
✅ लक्षण –
- तनों में छेद दिखाई देना
- पौधों का पीला पड़ना और सूखना
- फसल गिरने लगती है
- धान में “Dead Heart” (मृत केंद्र) और गन्ने में “Top Shoot Borer” का लक्षण दिखता है
स्टेम बोरर का नियंत्रण और रोकथाम
1. जैविक नियंत्रण (Biological Control)
🔹 ट्राइकोग्रामा चिलोनिस (Trichogramma chilonis) परजीवी ततैया – यह स्टेम बोरर के अंडों को नष्ट कर देती है।
🔹 बैसिलस थुरिंजिएन्सिस (Bacillus thuringiensis – Bt) – यह बैक्टीरिया स्टेम बोरर को मारता है।
🔹 नीम तेल (Neem Oil) – 1500 ppm वाला नीम तेल छिड़काव करने से असर होता है।
2. यांत्रिक और सांस्कृतिक उपाय (Mechanical & Cultural Control)
🔸 फसल चक्र अपनाएं – एक ही फसल को बार-बार न उगाएं।
🔸 प्रभावित पौधों को हटा दें – संक्रमित तनों को काटकर जला दें।
🔸 गहरी जुताई करें – इससे कीटों के अंडे और लार्वा नष्ट हो जाते हैं।
🔸 प्रकाश प्रपंच (Light Trap) – रात में बल्ब जलाकर कीटों को आकर्षित कर नष्ट करें।
3. रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control)
अगर संक्रमण ज्यादा हो तो निम्न दवाओं का छिड़काव करें:
✔ क्लोरपायरीफॉस 20% ईसी (Chlorpyrifos 20% EC) – 2ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
✔ फिप्रोनिल 5% एससी (Fipronil 5% SC) – 1ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करें।
✔ कार्बोफ्यूरान 3% जी (Carbofuran 3% G) – 10-15 किलो प्रति हेक्टेयर खेत में डालें।
✔ क्यूनालफॉस 25% ईसी (Quinalphos 25% EC) – 2ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
निष्कर्ष
स्टेम बोरर फसलों के लिए खतरनाक होता है, लेकिन सही जैविक, यांत्रिक और रासायनिक उपाय अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर शुरुआत में ही नियंत्रण किया जाए तो फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।
सुझाव
- रसायनों का प्रयोग अंतिम उपाय के रूप में करें।
- बायोलॉजिकल कंट्रोल को प्राथमिकता दें।
- फसल अवशेष न जलाएं, बल्कि सही ढंग से प्रबंधन करें।
अगर आप किसी विशेष फसल के लिए स्टेम बोरर नियंत्रण पर अधिक जानकारी चाहते हैं, तो बताइए! 🚜🌿

कीटनाशक दवाई डालने के बाद छेदों को चिकनी मिटटी के लेप से बंद कर दें । प्रभावित भाग का एक सप्ताह बाद निरिक्षण करें और यदि किसी छेद में से यह Stem borer फिर बुरादा निकल रहा हो तो , उसका फिर उपचार कर दें , इस तरह से काम से काम एक माह तक निरीक्षण करतें रहे ।

