Malana Village
Malana Village एक ऐसा गांव है जहां आज भी अकबर की पूजा की जाती है। हालांकि, इसका कारण अकबर की महानता नहीं है, बल्कि लोगों के बीच यह मान्यता है कि अकबर बादशाह ने एक बार जमलू ऋषि जो की मलना गाओं में रहते थे उन की परीक्षा लेने के लिए दिल्ली में बर्फबारी करने को कहा। इस पर ऋषि जमलू ने चमत्कार दिखाते हुए बर्फबारी करा दी। इसके बाद से Malana के लोग हर साल फागली उत्सव में अकबर की पूजा करते हैं।
गांव की किसी भी वास्तु को छूने की मनाही
जिला कुल्लू की पार्वती घाटी में बसे मलाणा गांव में देवता जमलू के मंदिर में किसी भी चीज को छूने पर मनाही है। गांव के नियम और कानून सबसे अलग हैं जो यहां के लोगों ने खुद बनाए हैं। गांव के बाहर लगे बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखा है कि यहां पर किसी भी चीज को छूना मना है, यदि गलती से किसी ने छू लिया तो जुर्माना भरना पड़ता है। इसलिए यहाँ पर जानकारी अनुसार ही घूमें ।
Malana Village सबसे पुराण लोकतंत्र
इस गांव में यदि कोई अपराध करता है तो सजा कानून नहीं, बल्कि देवता जमलू देते हैं। देवता गूर के माध्यम से अपना आदेश सुनाते हैं। अपनी इसी खास परंपरा,रीति-रिवाज और कानून के कारण इस गांव को दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र कहा जाता है। मलाणा गांव (Malana Village) के लोग कनाशी नाम की भाषा बोलते हैं, जो बेहद ही रहस्यमय है।
सिकंदर से सम्बन्ध
गांव के कुछ लोगों का कहना हैं कि जब सिकंदर ने हिंदुस्तान पर हमला किया था, तो उसके कुछ सैनिकों ने मलाणा गांव Malana Village में ही पनाह ली थी और फिर वो यही के होकर रह गए। और कुछ का कहना है की सिकंदर का मलना गांव के लोगों ने इलाज किया था जिस कारन सिकंदर ने इस गांव में कर को माफ़ कर दिया था और सिकंदर के कुछ सैनिक यही पर बस गए थे यहां के बाशिंदे सिकंदर के उन्हीं सैनिकों के वंशज कहलाते हैं। हालांकि यह अभी तक पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है। कहा जाता है कि सिकंदर के जमाने की एक तलवार भी इसी गांव के मंदिर में रखी हुई है।
Malana Village सैलानियों के बीच खूब मशहूर है। दुनियाभर से लोग यहां घूमने के लिए आते हैं। हालांकि, मलाणा तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल है। इस गांव के लिए कोई भी सड़क नहीं है। गांव का इतिहास देवता जमलू (जमदग्नि ऋषि) के बिना अधूरा है। यहां के लोग देवता जमलू के द्वारा बने कानून और आदेशों की पालना करते हैं। गूर के माध्यम से देवता जमलू जो आदेश देते हैं, उसी को माना जाता है। देव आदेश न मिलने के कारण ही यहां आज तक सड़क नहीं बन पाई है।
यह गांव हशीश और चरस के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। दुनियाभर में यहां की चरस को मलाणा क्रीम के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर उत्तम क्वालिटी की चरस निकली जाती है जिस से यहाँ के लोगो का जीवन व्यापन आसानी से हो जाता है
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