रोहरु में प्रचलित पौराणिक लोककथाओं के अनुसार करते है रोहरु का इतिहास जानने की कोशिश , रोहड़ू शुरू में सैरी ठकुराई के अधीन था और 12 वीं शताब्दी में मूल चंद द्वारा स्थापित किया गया था। राजा उग्र चंद सिरमौर राज्य के राजा चंद्रवंशी राजपूतों के राठौर वंश के थे, जिनकी राजधानी सिरमौरी सिरमौर थी। उनके 3 बेटे थे, ज्येष्ठ पुत्र करण चंद ने जुब्बल राज्य की स्थापना की, दूसरे पुत्र मूल चंद ने सैरी क्षेत्र की स्थापना की और सबसे छोटे दुनी चंद ने राविंगगढ़ जो की पब्बर के पास पड़ता है उस का अधिग्रहण किया ।
रोहरु का इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि जब भी बुशहर राज्य को मौका मिला, उसने सैरी पर हमला किया और उसे अपने नियंत्रण में रखा। संभवतः सैरी के अंतिम शासक पूरन सिंह थे, जो गोरखाओं के खिलाफ लड़ते हुए मारे गए थे। वह बिना वारिस छोड़े मर गया जिस कारण रानी को राज्य की बाग़ डोर अपने हाथों में लेनी पड़ी । तत्पश्चात 1864 में रानी की मृत्यु के बाद ब्रिटिश सरकार ने सैरी को नज़राना के रूप में बुशहर को सौंप दिया। जिसके बाद रोहरु बुशहर रियासत के अधीन ही रहा जब तक हिमाचल सरकार द्वारा इसे अलग तहसील नहीं घोषित किया ।
बात करें वर्त्तमान 2024 की तो वर्तमान में दो नदियों पब्बर और शिकरी के संगम पर स्थित रोहड़ू में रोहरु के इष्ट देव शिकडू महाराज का भव्य मंदिर स्थित है यहाँ देवता साहब का आदेश सर्वोपरि माना जाता है और देवता साहब की कृपा दृष्टि रोहरु के हर व्यक्ति पर बरसती है जिस कारण रोहरु आज के समय में बहुत ज्यादा प्रगति कर चूका है रोहरु का नाम पुरे भारत देश में किसी न किसी तरह उजागर हो ही जाता है। ये था रोहरु का इतिहास
एक बुज़ुर्ग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कहा जाता है की शिकडू महाराज चंद्रनाहन झील से आए थे। लेकिन इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले है बिना सबूत के बारे में इस बारे कहना ठीक नहीं अगर मुझे देवता साहब के बारे में और जानकरी या सबूत मिलते है तो में आपको अगले आर्टिकल में इस बारे में अवश्य बताऊंगा ( जय हो शिकडू महाराज ) रोहरु का इतिहास
रोहरु में घूमने की जगह
बात करें रोहरु में घूमने की जगहों की तो 1 महीना भी काम पड़ जायेगा इतनी खूबसूरत जगहें है आप गईं भी नहीं सकते है लेकिन इनमे से आपको में कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताऊंगा जहां पर जाकर आपको यह एहसास नहीं होगा की क्यों यार में यहाँ आया चलिए जानते है ।
1 रोहल :-
रोहल रोहरु के अंतर्गत आने वाली तहसील चिरगांव में पड़ता है रोहल एक धार्मिक स्थल है यहाँ के इष्ट देव पवासी महाराज और सपनाड जी है यहाँ के लोगों ने अपनी संस्कृति और सभ्यता को संजोये रखा है रोहल की पहाड़ियों में अनेक देवी देवताओ , काली माता , एवं सावणियो का वास है यहाँ की पहाड़ियों में यदि आप मुर्गा , मच्छी और शराब नहीं ले जाते हो तो आप अकेले भी यहाँ 10 दिन तक रह सकते है कोई भी जंगली जानवर या भूत पिशाच आपके आस पास भी नहीं भटक सकता। लेकिन यदि आप नियमों का उलंघन करते है तो आपके साथ कुछ भी हो सकता है। अगर घूमने का प्लान है तो निचे वीडियो है आप देख सकते है ⇓
2 जाबल :-
जाबाल भी रोहरु के अंतर्गत आने वाली तहसील चिरगांव में ही पड़ता है यह भी एक धर्मिक स्थल है यहाँ की पहाड़ियों में आपको अनुभव होगा यहाँ पहाड़ों के ऊपर मीलों तक फैले बड़े बड़े मैदान है यहाँ के इष्ट देव जाबल नारायण जी है जिनका शाशन पुरे 35 गांव पर चलता है जाबाल नारायण बुशहर रियासत के जाने माने देवों में से एक है जिनका इतिहास जिला किनौर में भी मिलता है , जिला शिमला में भी मिलता है और रामपुर में भी मिलता है। 35 गांव के लोगों द्वारा इनकी पूजा अर्चना की जाती है
और सभी इनके आदेश का पालन करते है जिस कारण इतने बड़े इलाके में एकता देखने को मिलती है जो की आज असंभव सा प्रतीत होता है। लेकिन देवता साहब के कारण 35 गांव के लोग एक साथ एक जगह भाईचारे के साथ रहते है सोच रहे हो की ये 35 गांव आखिर होंगे कितने तो आपको बता दूँ पहाड़ों के १ गांव में लगभग 150 से 400 तक व्यक्ति वास करते है तो आप खुद ही कैलकुलेट कर सकते हो 35 गांव में कितने लोग रहते होंगे । जाबल की वीडियो के लिए निचे क्लिक करें ।
3 जांगलिख :-
जांगलिख भी रोहरु के अंतर्गत आने वाली तहसील चिरगांव में ही पड़ता है जंगलिख के इष्ट देव जाख महाराज है यहाँ के गांव और पहाड़ों में आप घूमने का आनंद ले सकते है यहाँ की पहाड़ियों में आपको बहुत सी झीलें मिलेंगे । यहाँ की वीडियो देखने के लिए क्लिक करें VIDEO
4 चांशल :-
चांशल को कौन नहीं जानता यह पर्यटन की दृष्टि से बहुत आगे है यहाँ पर लोग दूर दूर से आते है जैसे ही पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत से यहाँ पर घूमने के लिए बहुत कुछ है चांशल लरोट गाओं की पहाड़ियों में बसा है जो की तहसील चिरगाँव के अंतर्गत ही आता है यहाँ आप ऑफ रोडिंग , स्कींग , टेण्टिंग इत्यादि का लुफ्त उठा सकते है । चांशल की वीडियो देखने के लिए क्लिक करें CLICK
इन जगहों पर जाने एवं रहने का खर्चा :-
घूमने तो कोई भी कहीं भी जा सकता है लेकिन पहले तो अपना बजट निर्धारित करना पड़ता है तो चलिए जानते है आखिर कितना खर्च आपको आएगा अगर आप इन जगहों पर घूमने जाते हो आप भारत के किसी भी हिस्से में रहने हो तो आपको पहले हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में पहुंचना होगा शिमला तक पहुंचना उतना मुश्किल नहीं है क्यूंकि आप शिमला बस से ट्रैन से जहाज से और टैक्सी से आ सकते है लेकिन शिमला से रोहरु आप बस , टेक्सी और हलोकॉप्टर से आ सकते है ।
बस में आपका किराए का खर्च शिमला से रोहरु 200 रुपये से 500 के बिच में होगा और टैक्सी में 500 के आसपास और इस से ऊपर खाना पीना अलग है ।
अगर आप मेरे माध्यम द्वारा शिमला से रोहरु और यहाँ घूमना चाहते हो तो आप मुझे मेरी Email ID जो आपको कांटेक्ट अस में मिलेगी वहां जाकर मुझे मेल कर सकते है। आपको जहाँ भी जितने दिन भी घूमना है उसका पूरा खर्च Mail के माद्यम से ही आप पूछ सकते है ।
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धन्यबाद ♠