गाला सेब की प्रमुख किस्में और उनकी विशेषताएं
हिमाचल प्रदेश, जिसे भारत का “सेब राज्य” भी कहा जाता है, यहां गाला सेब की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। गाला सेब अपनी मिठास, कुरकुरेपन और चमकदार लाल रंग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। Gala सेब के कई अलग-अलग प्रकार हैं जो हिमाचल की भौगोलिक स्थिति और जलवायु के अनुसार उगाए जाते हैं। इस लेख में हम आपको हिमाचल प्रदेश में उगाई जाने वाली प्रमुख गाला सेब की किस्मों, उनकी विशेषताओं, स्वाद, मिश्रण और ऊंचाई के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
गाला सेब क्या हैं?
Gala सेब न्यूज़ीलैंड में 1930 के दशक में विकसित किए गए थे। यह किड्स ऑरेंज रेड और गोल्डन डिलीशियस के संकरण (cross-breeding) से बने थे। समय के साथ, इन सेबों के कई प्रकार विकसित किए गए और अब हिमाचल प्रदेश में विभिन्न किस्मों की खेती की जाती है। गाला सेब अपनी मध्यम मिठास, कुरकुरे बनावट और लंबे समय तक ताजगी बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं।
गाला सेब की प्रमुख किस्में
1. रॉयल गाला (Royal Gala)

- रंग: लाल रंग पर पीली धारियां
- स्वाद: मीठा और रसदार
- विशेषता: यह सेब दिखने में सुंदर और खाने में मीठा होता है।
- मिश्रण: किड्स ऑरेंज रेड और गोल्डन डिलीशियस का संकरण।
- उगाई जाने वाली ऊंचाई: 1,200 मीटर से 2,500 मीटर (3,900 फीट से 8,200 फीट)
रॉयल गाला सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला गाला सेब है। इसकी लोकप्रियता का कारण इसका मीठा स्वाद, आकर्षक रंग और लंबी शेल्फ लाइफ है।
2. गाला श्निगा® श्निको रेड® (Gala Schniga® SchniCo Red®)

- रंग: गहरा लाल
- स्वाद: अत्यधिक मीठा और कुरकुरा
- विशेषता: यह वैरायटी अत्यधिक आकर्षक और मीठी होती है।
- मिश्रण: रॉयल गाला और रेड डिलीशियस का संकरण।
- उगाई जाने वाली ऊंचाई: 1,500 मीटर से 2,800 मीटर (4,900 फीट से 9,200 फीट)
यह किस्म अपनी चमकदार लाल रंगत और बेहतरीन स्वाद के कारण उच्च बाजार मूल्य प्राप्त करती है।
3. गाला रॉयल ब्यूट® (Gala Royal Beaut®)

- रंग: लाल रंग पर हल्की धारियां
- स्वाद: मीठा और रसदार
- विशेषता: यह लंबे समय तक ताजा बनी रहती है।
- मिश्रण: रॉयल गाला और गोल्डन डिलीशियस।
- उगाई जाने वाली ऊंचाई: 1,200 मीटर से 2,500 मीटर (3,900 फीट से 8,200 फीट)
यह किस्म मुख्य रूप से निर्यात के लिए उगाई जाती है क्योंकि इसकी ताजगी अधिक समय तक बनी रहती है।
4. गाला डेविल गाला® (Gala Devil Gala®)

- रंग: गहरा चमकदार लाल
- स्वाद: बेहद मीठा और कुरकुरा
- विशेषता: इसकी शेल्फ लाइफ अधिक होती है।
- मिश्रण: रॉयल गाला और रेड डिलीशियस।
- उगाई जाने वाली ऊंचाई: 1,200 मीटर से 2,500 मीटर (3,900 फीट से 8,200 फीट)
डेविल गाला की प्रमुख विशेषता इसका आकर्षक रंग और लंबे समय तक खराब न होने वाली विशेषता है।
5. गाला गैलेक्सी गाला® (Gala Galaxy Gala®)

- रंग: चमकदार लाल
- स्वाद: हल्का मीठा और कुरकुरा
- विशेषता: फ्रेशनेस अधिक समय तक बनी रहती है।
- मिश्रण: रॉयल गाला और गोल्डन डिलीशियस।
- उगाई जाने वाली ऊंचाई: 1,200 मीटर से 2,400 मीटर (3,900 फीट से 7,800 फीट)
यह किस्म मुख्य रूप से घरेलू बाजारों में बेची जाती है।
6. गाला श्निगा® श्निरेड® (Gala Schniga® SchniRed®)

- रंग: गहरा लाल
- स्वाद: बहुत मीठा और रसदार
- विशेषता: यह दिखने में बेहद आकर्षक होता है।
- मिश्रण: रॉयल गाला और रेड डिलीशियस।
- उगाई जाने वाली ऊंचाई: 1,200 मीटर से 2,500 मीटर (3,900 फीट से 8,200 फीट)
इस किस्म का बाजार मूल्य अधिक होता है और यह प्रीमियम मार्केट में अधिक बिकती है।
गाला सेब उगाने के फायदे
- उच्च मांग: गाला सेब की वैश्विक मांग बहुत अधिक है।
- जलवायु अनुकूलता: हिमाचल प्रदेश का ठंडा मौसम गाला सेब के लिए सबसे अनुकूल है।
- लाभदायक फसल: गाला सेब की खेती किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी होती है।
- लंबी शेल्फ लाइफ: कई किस्मों की शेल्फ लाइफ लंबी होती है जिससे इन्हें स्टोर करना आसान होता है।
- निर्यात क्षमता: कई गाला सेब किस्मों का निर्यात किया जाता है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।
निष्कर्ष
गाला सेब हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए एक अत्यधिक लाभकारी फसल है। विभिन्न ऊंचाई और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग किस्मों की खेती संभव है। यदि आप भी गाला सेब की खेती करना चाहते हैं, तो अपनी भौगोलिक स्थिति और बाजार मांग के अनुसार उचित किस्म का चयन करें। इस लेख में दी गई जानकारी से आपको गाला सेब की किस्मों के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी।